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Toggleफिशर क्या है? (Fissure Treatment & Fissures Meaning in Hindi)
Fissures Meaning in Hindi का मतलब होता है – गुदा की त्वचा में एक छोटा सा कट या दरार। इसे एनल फिशर (Anal Fissure) कहा जाता है। यह सुनने में छोटा लगता है, लेकिन जब यह होता है, तो व्यक्ति को मल त्याग के समय असहनीय दर्द, जलन और कभी-कभी खून का अनुभव होता है।
यह समस्या अक्सर कब्ज, कठोर मल या लंबे समय तक बैठने की आदत के कारण होती है। शुरुआती अवस्था में यह सामान्य उपायों से ठीक हो सकती है, लेकिन अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह क्रॉनिक फिशर का रूप ले सकती है, जिसके लिए विशेषज्ञ इलाज आवश्यक है।
Fissure Treatment CIMS Hospital, Bhopal में फिशर का इलाज अत्याधुनिक तकनीकों जैसे General Surgery, Keyhole Surgery और Laser Surgery से किया जाता है। यहाँ के विशेषज्ञ सर्जन और अनुभवी टीम मरीजों को दर्द-रहित, सुरक्षित और स्थायी उपचार प्रदान करते हैं।
फिशर के प्रकार (Fissure Treatment & Types of Fissures in Hindi)
फिशर को उसके समय और गंभीरता के आधार पर दो प्रकारों में बांटा जाता है:
एक्यूट (Acute) फिशर
- यह फिशर 6 सप्ताह से कम समय के लिए रहता है।
- गुदा की सतही त्वचा में हल्की दरार होती है।
- दर्द, जलन और हल्का खून आना इसके आम लक्षण हैं।
- यह अधिकतर मामलों में घरेलू उपचार और आहार सुधार से ठीक हो जाता है।
क्रॉनिक (Chronic) फिशर
- यह फिशर 6 सप्ताह से अधिक पुराना होता है और अक्सर गहरा हो जाता है।
- इसमें गुदा के आसपास टिश्यू (Skin Tag) विकसित हो सकता है।
- दर्द लगातार बना रहता है और हर मल त्याग के साथ बढ़ता है।
- इस अवस्था में दवाइयों से राहत सीमित होती है, इसलिए लेजर सर्जरी सबसे उपयुक्त उपचार माना जाता है।
CIMS Hospital Bhopal में ऐसे क्रॉनिक फिशर का उपचार लेजर सर्जरी तकनीक से किया जाता है, जो न्यूनतम दर्द, तेज़ रिकवरी और लगभग बिना रक्तस्राव वाला उपचार है।
फिशर के मुख्य कारण (Fissure Treatment & Causes of Fissures in Hindi)
फिशर के कारण व्यक्ति-विशेष की जीवनशैली और खानपान से गहराई से जुड़े होते हैं। आइए समझें इसके प्रमुख कारण:
सामान्य कारण:
- कब्ज और कठोर मल त्याग:
जब मल बहुत सख्त होता है, तो वह गुदा की त्वचा को फाड़ देता है। - कम फाइबर वाला आहार:
फाइबर की कमी से मल कठोर हो जाता है और मल त्याग में कठिनाई होती है। - बार-बार दस्त होना:
लगातार दस्त से त्वचा नाजुक हो जाती है और दरार पड़ जाती है। - पानी की कमी (Dehydration):
शरीर में पानी की कमी से मल सूख जाता है और कठोर बनता है। - लंबे समय तक बैठना या तनाव:
इससे गुदा की रक्त आपूर्ति कम होती है और त्वचा संवेदनशील हो जाती है।
अन्य कारण:
- प्रसव के दौरान दबाव (खासकर सामान्य डिलीवरी में)
- गुदा मैथुन या चोट लगना
- एनीमा, एंडोस्कोपी या अन्य चिकित्सीय उपकरणों का उपयोग
- गुदा स्फिंक्टर मांसपेशियों का अत्यधिक कसाव
दुर्लभ कारण:
- सूजन आंत्र रोग (Crohn’s Disease, Ulcerative Colitis)
- संक्रमण: जैसे एचआईवी, तपेदिक या सिफलिस
फिशर के लक्षण (Symptoms of Fissures & Fissure Treatment)
फिशर के लक्षण आम तौर पर स्पष्ट होते हैं। यदि आप इनमें से कोई भी अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श लें:
- मल त्याग के दौरान तेज़ दर्द या जलन
- टॉयलेट पेपर पर खून के धब्बे
- गुदा क्षेत्र में खुजली या जलन महसूस होना
- सूजन या गांठ महसूस होना
- मल त्याग के बाद भी अधूरापन का एहसास
- लंबे समय तक फिशर रहने पर डर या चिंता
फिशर का इलाज (Fissure Treatment)
फिशर का इलाज उसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है।
CIMS Hospital Bhopal फिशर के इलाज के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है जहाँ दर्द-रहित, तेज़ और सुरक्षित उपचार उपलब्ध है।
प्रारंभिक उपचार (Conservative Management):
- फाइबर युक्त आहार – जैसे हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज
- पर्याप्त पानी पीना (8-10 गिलास प्रतिदिन)
- सिट्ज़ बाथ – गुनगुने पानी में बैठकर सिकाई करना
- दर्द निवारक मलहम या क्रीम का उपयोग
- कब्ज नियंत्रण के लिए दवाएँ या सप्लीमेंट
अगर इन उपायों से राहत नहीं मिलती, तो सर्जरी की सलाह दी जाती है।
Fissure Treatment at CIMS Hospital Bhopal में आधुनिक सर्जिकल उपचार
CIMS Hospital Bhopal मध्य भारत का एक अग्रणी चिकित्सा केंद्र है, जहाँ अनुभवी सर्जन फिशर का General Surgery, Keyhole Surgery और Laser Surgery तकनीकों से उपचार करते हैं।
General Surgery (सामान्य शल्य चिकित्सा)
- पारंपरिक लेकिन सुरक्षित तकनीक
- गुदा की दरार की मरम्मत और क्षतिग्रस्त ऊतकों को हटाया जाता है
- अनुभवी सर्जनों द्वारा पूरी सावधानी के साथ किया जाता है
Keyhole Surgery (कीहोल सर्जरी)
- यह मिनिमली इनवेसिव तकनीक है — यानी बहुत छोटे चीरे के माध्यम से सर्जरी की जाती है।
- फायदे:
- बहुत कम दर्द
- न्यूनतम रक्तस्राव
- जल्दी रिकवरी
- अस्पताल में कम समय रहना
- बहुत कम दर्द
Laser Surgery (लेजर सर्जरी)
- आज की सबसे उन्नत और लोकप्रिय तकनीक
- CIMS Hospital Bhopal में लेजर सर्जरी अत्याधुनिक उपकरणों से की जाती है
- फायदे:
- बिना टांके और बिना ब्लीडिंग
- संक्रमण का खतरा लगभग न के बराबर
- दर्द रहित और तेज़ रिकवरी
- रोगी 24 घंटे में सामान्य जीवन शुरू कर सकता है
- बिना टांके और बिना ब्लीडिंग
फिशर से बचाव के उपाय (Fissure Treatment & Prevention Tips)
- फाइबर युक्त आहार अपनाएँ – हरी सब्जियाँ, फल, अनाज
- पर्याप्त पानी पीएँ ताकि मल मुलायम रहे
- नियमित व्यायाम करें
- कब्ज से बचें – लंबे समय तक शौच रोककर न रखें
- तनाव को कम करें और पर्याप्त नींद लें
- मल त्याग में अत्यधिक ज़ोर न लगाएँ
निष्कर्ष: Fissure Treatment
Fissures Meaning in Hindi केवल “गुदा में दरार” नहीं, बल्कि यह एक ऐसी समस्या है जो व्यक्ति की रोज़मर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है। शुरुआत में इसे हल्के में न लें — सही समय पर सही उपचार ही स्थायी राहत का रास्ता है। CIMS Hospital Bhopal फिशर के इलाज के लिए मध्य भारत का सबसे भरोसेमंद और आधुनिक केंद्र है, जहाँ General, Keyhole और Laser Surgery के ज़रिए दर्द-रहित, सुरक्षित और प्रभावी इलाज किया जाता है।
यदि आप फिशर के लक्षणों से परेशान हैं, तो आज ही CIMS Hospital Bhopal से संपर्क करें और पाएं दर्द-रहित जीवन का नया अनुभव।



