स्तन कैंसर के लक्षण (Breast Cancer Symptoms in Hindi) | CIMS Hospital, Bhopal

स्तन कैंसर के लक्षण (Breast Cancer Symptoms in Hindi) | CIMS Hospital, Bhopal
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Breast Cancer Symptoms in Hindi | CIMS Hospital, Bhopal

CIMS Hospital, Bhopal, मध्य भारत का एक प्रमुख कैंसर उपचार केंद्र है, जो महिलाओं में बढ़ते स्तन कैंसर (Breast Cancer) के मामलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। आज के समय में स्तन कैंसर सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है — यह अब छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से बढ़ रहा है। हालाँकि, अच्छी खबर यह है कि अगर इसे प्रारंभिक अवस्था (early stage) में पहचान लिया जाए तो इसका इलाज पूरी तरह संभव है।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि स्तन कैंसर के लक्षण (breast cancer symptoms in Hindi) क्या होते हैं, इसके विभिन्न चरण (stages of breast cancer) कौन-कौन से हैं, और CIMS Hospital, Bhopal कैसे सस्ती और उन्नत चिकित्सा सेवाएँ प्रदान कर रहा है।

Breast Cancer Symptoms in Hindi
Breast Cancer Symptoms in Hindi

स्तन कैंसर क्या है?

स्तन कैंसर एक प्रकार का मैलिग्नेंट ट्यूमर (malignant tumor) होता है जो स्तन की कोशिकाओं से उत्पन्न होता है। जब शरीर की सामान्य कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और मरने की बजाय विभाजित होती रहती हैं, तो वे एक गांठ या समूह के रूप में इकट्ठी होकर ट्यूमर बनाती हैं। यह ट्यूमर स्तन के ऊतकों, दूध की नलिकाओं (ducts) या ग्रंथियों (lobules) में विकसित हो सकता है।

यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो कैंसर कोशिकाएँ रक्त प्रवाह या लिम्फ प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य हिस्सों जैसे हड्डियाँ, लिवर, फेफड़े या मस्तिष्क तक फैल सकती हैं — इसे मेटास्टेटिक स्तन कैंसर (metastatic breast cancer) कहा जाता है।

स्तन कैंसर के लक्षण (Breast Cancer Symptoms in Hindi)

Breast Cancer symptoms in Hindi: स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर बहुत सूक्ष्म होते हैं, और कई बार महिलाएँ उन्हें नजरअंदाज कर देती हैं। हालाँकि, शरीर में किसी भी असामान्य बदलाव को समझना और समय रहते चिकित्सकीय सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है।

1. स्तन में गांठ या मोटा होना

यह स्तन कैंसर का सबसे आम संकेत है। स्तन या बगल के क्षेत्र में कोई नई गांठ, ठोस मास या मोटा हिस्सा महसूस होना — यह दर्शाता है कि कोशिकाएँ असामान्य रूप से बढ़ रही हैं। यह गांठ आमतौर पर दर्द रहित होती है, लेकिन कभी-कभी हल्का दर्द भी महसूस हो सकता है। स्वयं जांच (Self-examination) करते समय किसी भी नई कठोरता को अनदेखा न करें।

2. स्तन के आकार या आकृति में बदलाव

यदि दोनों स्तनों में आकार या आकृति का फर्क दिखाई देने लगे, या कोई हिस्सा असमान लगे, तो यह चेतावनी का संकेत हो सकता है। कभी-कभी कैंसर के कारण स्तन सिकुड़ने या भारी दिखने लगते हैं। यह बदलाव धीरे-धीरे हो सकता है, इसलिए नियमित निरीक्षण ज़रूरी है।

3. निप्पल (Nipple) में परिवर्तन

निप्पल का अंदर की ओर मुड़ जाना (inversion), सतह पर पपड़ी बनना, या उससे असामान्य स्राव (जैसे खून या पानी जैसा पदार्थ) निकलना — यह सभी कैंसर के संभावित संकेत हैं। यदि निप्पल से अचानक रक्त-युक्त या पारदर्शी द्रव निकलने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

4. त्वचा में बदलाव (Skin Changes)

कभी-कभी स्तन की त्वचा पर लालिमा, खिंचाव, सिकुड़न या गड्ढेदार बनावट दिखाई देती है, जो “संतरे के छिलके” जैसी दिखती है। यह तब होता है जब कैंसर कोशिकाएँ त्वचा के नीचे फैलने लगती हैं। यह बदलाव दर्द या खुजली के साथ भी हो सकता है।

5. बगल में सूजन या गांठ (Underarm Lump)

स्तन कैंसर अक्सर बगल के लिम्फ नोड्स तक फैल सकता है, जिससे वहां सूजन या कठोरता महसूस होती है। यह सूजन दर्द रहित भी हो सकती है। बगल की जांच हमेशा स्तन जांच का हिस्सा होनी चाहिए।

6. स्तन या निप्पल में दर्द

हालांकि स्तन कैंसर में दर्द आम नहीं होता, लेकिन यदि लगातार दर्द बना रहे या स्तन छूने पर संवेदनशील महसूस हो, तो यह शुरुआती संक्रमण या कैंसर का संकेत हो सकता है।

क्या करें यदि ऐसे लक्षण दिखें?

स्तन में कोई भी असामान्यता दिखने पर घबराएँ नहीं, लेकिन देरी भी न करें। पहला कदम हमेशा किसी योग्य ऑन्कोलॉजिस्ट या गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करना होना चाहिए।

  1. डॉक्टर से तुरंत सलाह लें: शुरुआती चरण में निदान और उपचार से जीवन दर 90% से अधिक रहती है।

  2. मैमोग्राफी करवाएँ: 40 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को हर वर्ष एक बार मैमोग्राफी अवश्य करवानी चाहिए।

  3. स्वयं जांच (Self Examination): हर माह पीरियड्स खत्म होने के 3-5 दिन बाद स्तन की जांच करें।

  4. स्वस्थ जीवनशैली: पौष्टिक भोजन, व्यायाम, धूम्रपान और शराब से दूरी — यह सभी स्तन कैंसर के खतरे को कम करते हैं।

स्तन कैंसर के चरण (Stages of Breast Cancer in Hindi)

स्तन कैंसर को पाँच चरणों में बाँटा गया है, जो ट्यूमर के आकार, लिम्फ नोड्स में फैलाव और शरीर के अन्य हिस्सों में प्रसार के आधार पर तय किए जाते हैं।

चरण 0 (Stage 0 – कार्सिनोमा इन सिटू)

यह गैर-आक्रामक (non-invasive) अवस्था होती है जिसमें कैंसर कोशिकाएँ केवल दूध की नलिकाओं या ग्रंथियों के भीतर होती हैं और आसपास के ऊतकों में नहीं फैली होतीं। इस अवस्था में इलाज से कैंसर पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है।

चरण I (Stage I)

इस चरण में कैंसर कोशिकाएँ स्तन ऊतक तक सीमित होती हैं और लिम्फ नोड्स में नहीं पहुंचतीं।

  • Stage IA: ट्यूमर 2 सेमी या छोटा होता है।

  • Stage IB: लिम्फ नोड्स में सूक्ष्म स्तर पर कैंसर कोशिकाएँ पाई जाती हैं।

यह सबसे शुरुआती उपचार योग्य अवस्था है।

चरण II (Stage II)

कैंसर अब थोड़ा बढ़ चुका होता है और पास के लिम्फ नोड्स तक फैलने लगता है।

  • Stage IIA: ट्यूमर 2–5 सेमी का होता है या छोटे लिम्फ नोड्स में फैल चुका होता है।

  • Stage IIB: ट्यूमर बड़ा होता है और लिम्फ नोड्स में भी स्पष्ट फैलाव होता है।

सर्जरी और रेडिएशन के साथ इलाज से बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं।

Breast Cancer Symptoms in Hindi
Stages & Breast Cancer Symptoms in Hindi
चरण III (Stage III – स्थानीय रूप से उन्नत कैंसर)

यह एक locally advanced अवस्था होती है, जिसमें कैंसर स्तन की त्वचा, छाती की दीवार या कई लिम्फ नोड्स तक फैल चुका होता है।

  • Stage IIIA: कई लिम्फ नोड्स में कैंसर फैल चुका होता है।
  • Stage IIIB: कैंसर त्वचा या छाती की दीवार तक पहुँच चुका होता है।
  • Stage IIIC: कॉलरबोन या बगल के लिम्फ नोड्स प्रभावित हो चुके होते हैं।

यह अवस्था अधिक चुनौतीपूर्ण होती है, लेकिन आधुनिक उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

चरण IV (Stage IV – मेटास्टेटिक कैंसर)

यह सबसे उन्नत अवस्था है जिसमें कैंसर शरीर के अन्य भागों — जैसे हड्डियाँ, लिवर, फेफड़े, या मस्तिष्क — तक फैल चुका होता है।
इस अवस्था में उपचार का उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखना, दर्द कम करना और कैंसर की गति को धीमा करना होता है।

स्तन कैंसर से बचाव के उपाय (Prevention Tips)

  1. नियमित जांच: हर वर्ष डॉक्टर से जांच करवाएँ, विशेषकर यदि परिवार में कैंसर का इतिहास हो।
  2. संतुलित आहार: हरी सब्जियाँ, फल, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर भोजन लें।
  3. व्यायाम करें: नियमित 30 मिनट की एक्सरसाइज से हार्मोनल संतुलन बना रहता है।
  4. तनाव नियंत्रित करें: तनाव से हार्मोनल असंतुलन होता है जो कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।
  5. धूम्रपान और शराब से बचें: ये दोनों आदतें कैंसर के खतरे को कई गुना बढ़ा देती हैं।

CIMS Hospital, Bhopal — स्तन कैंसर उपचार में अग्रणी

CIMS Hospital, Bhopal को मध्य भारत का एक भरोसेमंद और अत्याधुनिक कैंसर उपचार केंद्र (Cancer Treatment Centre) माना जाता है। यहाँ अनुभवी ऑन्कोलॉजिस्ट्स, रेडियोलॉजिस्ट्स, और सर्जिकल टीम मिलकर हर मरीज के लिए व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करते हैं। अस्पताल में नवीनतम तकनीकों जैसे मैमोग्राफी, बायोप्सी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी और सर्जरी की सुविधाएँ मौजूद हैं। 

इसके अलावा, अस्पताल में Ayushman Bharat योजना के अंतर्गत योग्य मरीजों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण कैंसर चिकित्सा भी उपलब्ध कराई जाती है।

CIMS Hospital, Bhopal का उद्देश्य है —
“Awareness, Early Detection, and Affordable Cancer Treatment”,
ताकि हर महिला को जीवन में दोबारा आत्मविश्वास और स्वास्थ्य मिल सके।

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